दिल्ली में सौ दिनों से शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ चल रहे धरना प्रदर्शन को पुलिस ने मंगलवार को खत्म करा दिया। दिल्ली के साथ ही इंदौर में भी 15 जनवरी से बडवाली चौकी पर चल रहा प्रदर्शन खत्म हो गया। इसे खत्म कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम राकेश शर्मा, सीएसपी डीके तिवारी, थाना प्रभारी राकेश त्रिपाठी, कमलेश शर्मा सुबह से मौके पर पहुंचे। एसडीएम ने वहां मौजूद लोगों को कोरोना से बचाव के चलते इसे बंद करने की अपील की। थोड़ी देर की समझाइश के बाद वह मान गए और खुद ही उन्होंने अपने तंबू निकालने शुरू कर दिए। बाद में नगर निगम की टीम ने भी मदद करते हुए बाकी सामान उठवा दिया। करीब दो घंटे में पूरी तरह से धरनास्थल साफ हो गया।
कानून को वापस लेने की कर रहे थे मांग
धरना-प्रदर्शन पर बैठे लोगों का कहना था कि सीएए (नागरिकता संशोधन कानून) और एनआरसी भेदभावपूर्ण कानून है। इसके लागू होने से कई लोगों के सामने नागरिकता का संकट खड़ा हो जाएगा। विरोध स्वरूप बड़वाली चौकी पर हजारों लोग लंबे समय तक इसकी खिलाफत करते रहे। इसके अलावा गुलजार काॅलोनी में भी मुस्लिम समाज के संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की थी। वहीं, खजराना और चंदन नगर में भी लोग एकजुटता के साथ इस कानून की खिलाफत कर रहे थे।
बड़वाली चौकी पुलिस छावनी में तब्दील था
सीएए और एनआरसी के विरोध में बड़वाली चौकी में चल रहे प्रदर्शन में हजारों लोगों ने शामिल होने के बाद पूरे इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका था। यहां शहर के आधे से ज्यादा थानों के टीआई व सीएसपी तैनात किए गए थे। पुलिस ने बड़वाली चौकी की गली व मोहल्लों में बैरिकेडिंग कर वाहनों की आवाजाही भी रोक दी थी। जामा मस्जिद इलाके में आने वाले हर एक शख्स की वीडियोग्राफी की जा रही थी।
धरनास्थल पर चाय-कॉफी के स्टॉल
बड़वाली चौकी पर सीएए के विरोध में धरना प्रदर्शन में पहुंचने वालों के लिए चाय-कॉफी के स्टॉल लगाए गए थे। धरने के समर्थन में आए कई वरिष्ठ लोग चाहते थे कि धरना अलग-अलग न होकर एक ही स्थान पर सामूहिक रूप से हो।